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जय चित्तौड़(गीत)


'जय चित्तौड़' मैं  गाऊंगा तो, सारा शहर हिला दूंगा
हाँ 'जय चित्तौड़' मैं  गाऊंगा तो, सारा विश्व हिला दूंगा
दुश्मन जो अड़ जाए मुझसे , मिट्टी में मिला दूंगा
हाँ मिट्टी में मिला दूंगा, उसे मिट्टी में मिला दूंगा
'जय चित्तौड़' मैं  गाऊंगा तो, सारा शहर हिला दूंगा x2
हाँ 'जय चित्तौड़' मैं  गाऊंगा तो, सारा विश्व हिला दूंगा।।1 ।।

आन बान की बात जो आती , जान भी दाव लगा देते x2
अपनी इज़्जत के खातिर हम, अपना शीश कटा देते X2
हम तो है भारतवासी , न रुकते है, न झुकते है x2
ऊँगली उठी अगर किसी की,  दुनिया से उठा देते x2
उसे ऐसा मजा चखाउंगा, कि सब कुछ ही भुला दूंगा x2
हाँ 'जय चित्तौड़' मैं  गाऊंगा तो, सारा विश्व हिला दूंगा।।2।।

मीरा बाई हुई जहाँ पर ,कृष्ण से इसको प्रीत लगी x2
छोड़ दिया घर बार था इसने, दुनिया से न प्रीत लगी x2
ज़हर का प्याला इसने पीया, डरी डरी सी कभी न रही x2
अंत में उससे जा मिली ,जिससे थी इसको प्रीत लगी x2
शक्ति और भक्ति की गाथा सबको मैं सुना दूंगा x2
हाँ 'जय चित्तौड़' मैं  गाऊंगा तो, सारा विश्व हिला दूंगा।।3।।

स्वाभीमान की बात जो आती, राणा भी आ जाते हैx2
जंगल जंगल भले भटक ले , शीश नहीं झुकाते हैx2
महलों में रहने वाले वो ,घास की रोटी खाते हैx2
भाई भी भले साथ न हो, फिर भी नहीं  घबराते हैx2
इस मेवाड़ के खातिर मैं अपने प्राण भी दाव लगा दूंगाx2
हाँ 'जय चित्तौड़' मैं  गाऊंगा तो, सारा विश्व हिला दूंगा।।4।।
----By Hariram Regar

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