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4 Line Shayari in Hindi | By Hariram Regar

4 Line Shayari in Hindi | By Hariram Regar ************************************************ कभी मक्की, कभी गेंहूँ, कभी है ज्वार की रोटी।  मेरी माता बनाती है, कभी पतली, कभी मोटी।  मगर क्या स्वाद आता है, भले वो जल गई थोड़ी।  नसीबों में कहाँ सब के, है माँ के हाथ की रोटी।।                                                                                                 ©Hariram Regar ************************************************ कोई नफ़रत है फैलाता, कोई बाँटे यहाँ पर प्यार।  कहानी और किस्सों से खचाखच है भरा संसार।  यहाँ कुछ लोग अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बने फिरते।  मगर किस्से नहीं कहते जहाँ खुद ही है वो गद्दार।।                                                                              ©Hariram Regar ************************************************ कोई जीने को खाता है, कोई जीता है खाने को। कोई कौड़ी बचाता है, कोई खर्चे, दिखाने को। अमीरी और गरीबी में यहाँ बस फ़र्क़ इतना है, कोई दौड़े कमाने को, कोई दौड़े पचाने को।।                                                                             ©Hariram

समझा क्या / By Hariram Regar


बहुत मारेंगे, 
बहुत ठोकेंगे,


भारत के वीरों को खुद पे भरोसा है। 
मैय्या की रक्षा में खुद को परोसा है। 
फिर भी देश में पल रे ले ये गुंडे है।
कहीं मारे पत्थर ये, कहीं पे डंडे है। 

पकड़के इन सालो को, 
मारेंगे , पेलेंगे,
उन्ही के घर में जाकर 
मौत का तांडव खेलेंगे।
नहीं डरेंगे।
न पीछे हटेंगे। 
तेज तलवारो से 
दुश्मन के सर ही कटेंगे। 
सर जो कटेंगे, कटेंगे सही पर। 
बाकियों के पिछवाड़े में बम भी धरेंगे। 

समझा क्या ?


चुपके से तूने जो वार किया था। 
एक नहीं सौ सौ बार किया था। 
गलती किया तूने 
भुगतना पड़ेगा। 
भारत का वीरू 
अब तुझसे लड़ेगा। 
तुझसे लड़ेगा अब तुझसे भिड़ेगा।
तुझसे भिड़ेगा
तुझसे भिड़ेगा.........

समझा क्या ? 


bahut maarenge, 

bahut thokenge,

bhaarat ke veeron ko khud pe bharosa hai. 

maiyya kee raksha mein khud ko parosa hai. 

phir bhee desh mein pal re le ye gunde hai.

kaheen maare patthar ye, kaheen pe dande hai. 

pakadake in saalo ko, 

maarenge , pelenge,

unhee ke ghar mein jaakar 

maut ka taandav khelenge.

nahin darenge.

na peechhe hatenge. 

tej talavaaro se 

dushman ke sar hee katenge. 

sar jo katenge, katenge sahee par. 

baakiyon ke pichhavaade mein bam bhee dharenge. 

samajha kya ?

chupake se toone jo vaar kiya tha. 

ek nahin sau sau baar kiya tha. 

galatee kiya toone 

bhugatana padega. 

bhaarat ka veeroo 

ab tujhase ladega. 

tujhase ladega ab tujhase bhidega.

tujhase bhidega

tujhase bhidega.........

samajha kya ?



 (writing is continued.......)
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