माँ: एक असीम प्रेम की मूरत
जगत में माँ का स्थान सबसे ऊँचा है। वह एक ऐसी मूरत है, जो अपने बच्चों के लिए हर दुःख और तकलीफ का सामना करती है, और अपनी ममता से हर समस्या को हल्का बना देती है। इस कविता में माँ की उसी ममता, करुणा और अटूट प्रेम को दर्शाया गया है, जो हर किसी के जीवन में एक अद्वितीय स्थान रखती है।
कविता
जगत में है बस माँ, तेरा सहारा व तेरी दुआ।
भगवन भी यहाँ पे बनाके तुझे, क्या निठल्ला हुआ।
जब भूख लागे, माँ ! तू याद आये।
यूँ अपना निवाला, तू मुझको खिलाये।
तू भूख भी काटे, तू प्यास भी काटे।
बिना तेरे, ना कोई, मेरा जहाँ।
जगत में है बस माँ, तेरा सहारा व तेरी दुआ।
जब चोट लागे, माँ तू याद आये।
तू मेरे आँसू पे, आँसू बहाये।
तू मरहम लगाती, माँ प्यार लुटाती।
करुणा से तेरी, दर्द होता दफ़ा।
जगत में है बस माँ, तेरा सहारा व तेरी दुआ।
खुरापात करता, तू थप्पड़ लगाती।
पापा के नाम की धमकी बताती।
पापा जब डाँटें, लगाते है चाँटे।
बचाती हो, तुम ही, पिता से मुझे।
जगत में है बस माँ, तेरा सहारा व तेरी दुआ।
--- Hariram Regar
भावार्थ:
जब हम छोटे होते हैं और भूख लगती है, तो माँ का वह प्यार से खाना खिलाना, हमें उस समय भी याद आता है जब हम बड़े हो जाते हैं। माँ का निवाला हमेशा हमारे लिए सबसे खास होता है। वह सिर्फ भूख ही नहीं मिटाती, बल्कि अपनी ममता से हमारी हर जरूरत को पूरा करती है। बिना माँ के, संसार का हर रंग फीका लगता है। यह सत्य है कि इस जगत में माँ के सिवा और कोई हमारा सच्चा सहारा नहीं होता।
चोट लगने पर माँ का आँसू बहाना, हमारे दर्द को अपना बना लेना और फिर उस पर मरहम लगाना, यह सब माँ ही तो करती है। उसके प्यार में वह करुणा छुपी होती है जो हमारे हर दुःख को कम कर देती है। माँ का वह स्नेह, जो हमें हर मुश्किल से बचाता है, उस पर शब्दों में बयाँ कर पाना कठिन है।
कभी-कभी जब हम शरारत करते हैं, तो माँ का हमें डाँटना और पापा की धमकी देना, ये भी एक तरीके का प्यार ही होता है। और जब पापा सच में डाँटते हैं, तब वही माँ हमें उनसे बचाती भी है। यह एक ऐसा रिश्ता है, जिसमें ढेर सारा प्यार, थोड़ी सी डाँट, और अंतहीन ममता समाई हुई है।
माँ का प्रेम असीम है। वह निस्वार्थ भाव से अपने बच्चों के लिए सब कुछ करती है, बिना किसी उम्मीद के। इस कविता में माँ के इस अनमोल और निःस्वार्थ प्रेम को बखूबी दर्शाया गया है।
ऐसी माँ, जो हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है, उसे नमन है। उसकी ममता और प्यार को शब्दों में पिरोने की कोशिश इस कविता के माध्यम से की गई है।
आपके विचार: माँ के प्रति आपके अनुभव और भावनाएँ कैसी हैं? क्या आपने कभी महसूस किया है कि माँ के बिना जीवन अधूरा सा लगता है? अपनी भावनाएँ हमसे साझा करें।
नोट: अगर आप भी अपने जीवन की किसी घटना या माँ के प्रति अपने विचारों को कविता या लेख के माध्यम से प्रकट करना चाहते हैं, तो हमें जरूर भेजें।
इस कविता और इसके भावों को पढ़कर अगर आपको अपने जीवन की किसी घटना की याद आई हो, तो उसे हमारे साथ साझा करें। माँ के प्रेम और बलिदान की कहानियाँ अनंत हैं, और हम उन कहानियों को साझा करने के लिए तत्पर हैं।
-Team HindiPoems.in
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