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प्रकृति और प्रेम का संगम | Hindi Kavita | By Hariram Regar

प्रकृति और प्रेम का संगम: एक अद्वितीय कविता

परिचय:

कविता एक ऐसी कला है, जो शब्दों के माध्यम से दिल की गहराइयों को छू लेती है। हमारे जीवन में भावनाओं का अनमोल स्थान है, और उन्हें व्यक्त करने के लिए कविता से बेहतर कोई माध्यम नहीं हो सकता। आज हम एक ऐसी कविता प्रस्तुत कर रहे हैं, जो न केवल प्रेम को दर्शाती है बल्कि प्रकृति की सुंदरता और सादगी को भी बखूबी चित्रित करती है।

कविता:

प्यारी-सी मुस्कान दिखी, जब सागर की लहरें लपकी।

इक पल को वो ठहर गया था, ना मेरी पलकें झपकी।

मैं क्या? मैं तो मानव हूँ, वो सागर भी सहसा सहमा।

वो तब से तेरे चरण धो रहा, मैं लिखता हूँ ये नगमा।


तेरे मन को भाते हैं, वन-उपवन व तारे-सितारे।

पँछी, कलियाँ, वादी, पर्वत और सागर के किनारे।

तेरे दिल में बसी हुई है, कुदरत की इक मूरत।

आधुनिकता के इस जग में, तेरी प्यारी-सी सूरत।


ज़िन्दा है अभिमान भी तुझमें जैसे थे अपने राणा,

पत्ता-कलियाँ-गाँव-शहर, तुमको यूँ हर जन जाना।

मुखड़े पर मुस्कान लिए हो, शिक्षक-सा भी ज्ञान लिए हो,

और बताओ क्या लिख दूँ मैं? अब तक बस इतना पहचाना।

-Hariram Regar


कविता का सार:

इस कविता का आरंभ होता है प्रेम की एक मासूम झलक से, जहाँ सागर की लहरों के बीच नायक की नज़र एक प्यारी-सी मुस्कान पर ठहर जाती है। वो मुस्कान इतनी मोहक होती है कि सागर की लहरें भी उसे देख सहम जाती हैं। नायक के दिल में इस मुस्कान का असर इतना गहरा होता है कि वो इसे शब्दों में पिरोकर एक नगमा लिखने को मजबूर हो जाता है।

कविता के प्रमुख अंश:

- प्रकृति से प्रेम:  

  कविता का दूसरा भाग उस लड़की के मन की गहराईयों को उजागर करता है, जिसे वन-उपवन, तारे-सितारे, पंछी, कलियाँ, वादियाँ, पर्वत, और सागर के किनारे बेहद पसंद हैं। यह दिखाता है कि वो लड़की कितनी सहज और सरल स्वभाव की है, और कैसे उसका मन प्रकृति के हर पहलू में रम जाता है।

- आधुनिकता और सादगी का तालमेल:

  आधुनिकता के इस युग में, जहाँ हर कोई व्यस्तता और तनाव में घिरा हुआ है, यह कविता उस लड़की की सादगी और प्यारी सूरत को उजागर करती है, जो इस भीड़-भाड़ भरी दुनिया में भी एक प्राकृतिक और निर्मल छवि बनी हुई है। 

- स्वाभिमान और ज्ञान: 

  कविता के अंतिम हिस्से में, नायक उस लड़की के भीतर राणा जैसे स्वाभिमान और शिक्षक जैसा ज्ञान पाता है। उसकी मुस्कान में एक सादगी भरी ताकत है, और उसके व्यक्तित्व में ज्ञान का वो दीपक जलता है, जो हर दिल को रोशन कर देता है।

कविता का संदेश:

यह कविता सिर्फ प्रेम की अभिव्यक्ति नहीं है, बल्कि यह उस गहरे संबंध का प्रतीक है जो एक व्यक्ति और प्रकृति के बीच होता है। इस कविता के माध्यम से यह संदेश मिलता है कि आधुनिकता की दौड़ में भी, सादगी और प्राकृतिक सौंदर्य की अहमियत कभी नहीं खोनी चाहिए।

निष्कर्ष:

कविता के शब्दों में छिपी भावनाएँ हमें याद दिलाती हैं कि जीवन की सच्ची सुंदरता प्रकृति के करीब रहने और उसमें रमने में है। यह कविता प्रेम, प्रकृति, और सादगी के उस अद्वितीय संगम का प्रतीक है, जो हमें जीवन की वास्तविकता से रूबरू कराती है।

आपकी राय:

क्या आपको यह कविता पसंद आई? क्या आप भी प्रकृति और प्रेम से जुड़े अनुभवों को अपनी कविताओं में उतारते हैं? हमें आपकी राय जानने की खुशी होगी। नीचे कमेंट्स में अपनी प्रतिक्रिया जरूर दें!

यह पोस्ट उन सभी पाठकों के लिए है जो कविता के माध्यम से अपने दिल की गहराइयों को व्यक्त करना चाहते हैं। हमारी वेबसाइट पर इसी तरह की और भी अद्वितीय कविताओं का आनंद लें। 

-Team HindiPoems.in

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